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Source : वो जो चुप न रह सका
Thursday, May 21, 2009
मैं किसके ख़िलाफ़ हूँ?
क्यों उगलता हूँ मैं आग??
ऐसा लगता है की मैं मुसलमानों के ख़िलाफ़ हूँ!!!!!
सही कहा ना??
नहीं, आपने ग़लत समझा!!!!
मैं सिर्फ़ अन्याय और शोषण के ख़िलाफ़ हूँ।
चाहे वो किसी भी धर्म और मानव से किया जाए।
और ख़ास कर यदि धर्म के नाम पर किया जाए।
और उस पर भी ख़ास कर हिन्दुओं और सिखों के ख़िलाफ़ किया जाए।
आप पूछेंगे क्यों ये स्पेशल ट्रीटमेंट हिंदू और सिखों को??
तो सुनिए...
क्योंकि इन दो कौमों के साथ पिछले २०० सालों से अन्याय होता आ रहा है।
पहले मुसलमान लुटेरों और शाहों (!!) ने किया।
फ़िर गोरी चमड़ी वाले ईसाइयों ने॥
फ़िर काली चमड़ी वाले गोरों और छुपे हुए लुटेरों ने॥
जब प्रजातंत्र आया तो फ़िर से मुसलामों और ईसाइयों का बोलबाला हो गया।
इनकी ही सरकार, दुसरे नाम से आ गयी॥
सारी तुष्टिकरण की नीतियाँ और इनके कारनामों से आँखें बंद कर ली गयी॥
और जब जब हिन्दुओं और सिखों ने आवाज उठायी तो उन्हें दबा दिया गया...
जला दिया गया॥
भुला दिया गया॥
मैं उनकी ही वो आवाज हूँ जो नहीं दबेगी...
ऐसा लगता है की मैं मुसलमानों के ख़िलाफ़ हूँ!!!!!
सही कहा ना??
नहीं, आपने ग़लत समझा!!!!
मैं सिर्फ़ अन्याय और शोषण के ख़िलाफ़ हूँ।
चाहे वो किसी भी धर्म और मानव से किया जाए।
और ख़ास कर यदि धर्म के नाम पर किया जाए।
और उस पर भी ख़ास कर हिन्दुओं और सिखों के ख़िलाफ़ किया जाए।
आप पूछेंगे क्यों ये स्पेशल ट्रीटमेंट हिंदू और सिखों को??
तो सुनिए...
क्योंकि इन दो कौमों के साथ पिछले २०० सालों से अन्याय होता आ रहा है।
पहले मुसलमान लुटेरों और शाहों (!!) ने किया।
फ़िर गोरी चमड़ी वाले ईसाइयों ने॥
फ़िर काली चमड़ी वाले गोरों और छुपे हुए लुटेरों ने॥
जब प्रजातंत्र आया तो फ़िर से मुसलामों और ईसाइयों का बोलबाला हो गया।
इनकी ही सरकार, दुसरे नाम से आ गयी॥
सारी तुष्टिकरण की नीतियाँ और इनके कारनामों से आँखें बंद कर ली गयी॥
और जब जब हिन्दुओं और सिखों ने आवाज उठायी तो उन्हें दबा दिया गया...
जला दिया गया॥
भुला दिया गया॥
मैं उनकी ही वो आवाज हूँ जो नहीं दबेगी...
Wednesday, May 20, 2009
मनमोहन सिंह = obedient, honest and hardworking
Obedient = Sure for Sonia.
गोरी चमडी का गुलाम. भूल गया की इस वेट्रेस ने भारत की नागरिकता नहीं लीथी... सालों तक. जब सत्ता की महक आयी तो कबूल.. उसके पहले भारत सिर्फ धूल??
Hadworking hardworking = Sure for Congress.
बोफोर्स को दबा दिया... स्विस खातों को भुला दिया.. ८४ को तो डकार लिया.. काश्मिरी पंडितों की तो छुट्टी.. और आतंकवाद को पनाह...कितने सारे काम किये.
Honest = Sure for Sonia and Rahul.
Gave all credit of Congress victory to them. DID NOT EVEN DARE TO CONTEST ONE ELECTION himself, as he knew that he does not have support of base. यहाँ तो मानना पडेगा. फिर मुस्लिमों के लिए आंसू और शर्म दिखाई, पर अमरनाथ पर क्या हुआ?? सांपसूंघ गया??
सुनो मियाँ मुसलमानों!!!
अब तो बहुत खुश होगे तुम!!
मिया जी की जूती जब हिन्दुओं के सर पड़ी तो खुशी की तो बात है।
अमरनाथ पर जिस तरह से तुमने हिन्दुओं को धूल चटाई तो कितना मजा आया था! इंशा (*(*!!
काश्मीर से हिन्दुओं को भगाया, माशा (*(*!!!!
धीरे धीरे बंगाल से भी सारे लोगों लो भगा देना और वहां भी अपना हरा झंडा बुलंद कर देना॥
वैसे भी शाही इमाम ने कहा था, "एक दिन हम इन पर गद्दीनशीन थे, इंशा (*(* एक दिन फ़िर होएँगे॥"
वैसे भी तुम ही तो हो गद्दीनशीन॥ लोकतंत्र (??) में जो पार्टी सबसे छुप कर धर्म और जात की राजनीति खेल रही है, उसका ही युवराज (बपौती है ना) छाती ठोक कर बोल रहा है "जात और धर्म की राजनीति हार गयी॥"
कितनी निराली बात है। दोगलापन हद पर है।
ठीक वैसे ही जैसे आपका॥
हज के लिए तो सरकारी (ज्यादातर हिन्दुओं का दिया टैक्स) चाहिए...
पर अमरनाथ पर (अपने ही देश में) हिन्दुओं के लिए थोड़ी सी भी जमीन नहीं दे सकते।
अरे वोह भी तो धर्म के काम से तीर्थ यात्रा (आपके 'हज' जैसा) करने वालों के लिए थी॥
पर मैं भी बुध्धू हूँ, भूल गया काफिरों के लिए कोई धर्म नहीं और कोई माफी और कोई रियायत नहीं।
हमें इतना भी बता दो... जजिया कब से वसूल करने वाले हो??
और तो और अब कांग्रेस (तुम्हारी जात वाली पार्टी) फ़िर से सत्ता पर बहुमत (??) के साथ है।
फ़िर से ईद का दिन आ गया है।
बकरे कटाओ॥
नहीं... नहीं... काफिरों के अरमानों (और कभी कभी उनको भी) काटो।।
और ईदी बाटों!!!!!!!!!!!!
मिया जी की जूती जब हिन्दुओं के सर पड़ी तो खुशी की तो बात है।
अमरनाथ पर जिस तरह से तुमने हिन्दुओं को धूल चटाई तो कितना मजा आया था! इंशा (*(*!!
काश्मीर से हिन्दुओं को भगाया, माशा (*(*!!!!
धीरे धीरे बंगाल से भी सारे लोगों लो भगा देना और वहां भी अपना हरा झंडा बुलंद कर देना॥
वैसे भी शाही इमाम ने कहा था, "एक दिन हम इन पर गद्दीनशीन थे, इंशा (*(* एक दिन फ़िर होएँगे॥"
वैसे भी तुम ही तो हो गद्दीनशीन॥ लोकतंत्र (??) में जो पार्टी सबसे छुप कर धर्म और जात की राजनीति खेल रही है, उसका ही युवराज (बपौती है ना) छाती ठोक कर बोल रहा है "जात और धर्म की राजनीति हार गयी॥"
कितनी निराली बात है। दोगलापन हद पर है।
ठीक वैसे ही जैसे आपका॥
हज के लिए तो सरकारी (ज्यादातर हिन्दुओं का दिया टैक्स) चाहिए...
पर अमरनाथ पर (अपने ही देश में) हिन्दुओं के लिए थोड़ी सी भी जमीन नहीं दे सकते।
अरे वोह भी तो धर्म के काम से तीर्थ यात्रा (आपके 'हज' जैसा) करने वालों के लिए थी॥
पर मैं भी बुध्धू हूँ, भूल गया काफिरों के लिए कोई धर्म नहीं और कोई माफी और कोई रियायत नहीं।
हमें इतना भी बता दो... जजिया कब से वसूल करने वाले हो??
और तो और अब कांग्रेस (तुम्हारी जात वाली पार्टी) फ़िर से सत्ता पर बहुमत (??) के साथ है।
फ़िर से ईद का दिन आ गया है।
बकरे कटाओ॥
नहीं... नहीं... काफिरों के अरमानों (और कभी कभी उनको भी) काटो।।
और ईदी बाटों!!!!!!!!!!!!
Tuesday, May 19, 2009
सुनो भाई सिखों!!
सब भूल जाते हैं॥
आप भी भूल गए...
कैसे टायर बाँध के जलाए गए थे?
कैसे केश कटाने पड़े थे?
कैसे डर डर के जीते थे?
सब भूल गए??
कैसे कुछ लोगों की करतूतों की सजा हजारों निर्दोषं को मिली थी॥
मैंने भी अपने बचपन में देखी थी एक झलक॥
मैं नहीं भूला, पर सब और ख़ास कर आप भूल गए!!!!!!!!
तभी तो कांग्रेस दिल्ली और पंजाब और हरियाणा में वापस आ गई!!!
चलो अब खुशियाँ मनाओ॥
हिन्दुओं की लाशों में सिखों को भी मिला दो...
बहुत उंची बनेगी फ़िर तो कांग्रेस की गद्दी!!!
वैसे भी एक समय में हम दोनों की लाशों पर किसी और ने गद्दी सजायी थी..
हाँ तब विदेशी शासन करते थे॥
अब देशी (ह्म्म्म या फ़िर अब भी विदेशी), शासन करते हैं।
और हम अब भी पिसते हैं!!!!!
मनमोहन तो वैसे भी सिख नहीं है॥ होता तो ८४ के दंगाइयों को सजा ना दिला देता???
तो सुनो भाई सिखों...
भांगडा पाओ... गिध्धा डालो॥
कांग्रेस आयी... जश्न मनाओ॥
आप भी भूल गए...
कैसे टायर बाँध के जलाए गए थे?
कैसे केश कटाने पड़े थे?
कैसे डर डर के जीते थे?
सब भूल गए??
कैसे कुछ लोगों की करतूतों की सजा हजारों निर्दोषं को मिली थी॥
मैंने भी अपने बचपन में देखी थी एक झलक॥
मैं नहीं भूला, पर सब और ख़ास कर आप भूल गए!!!!!!!!
तभी तो कांग्रेस दिल्ली और पंजाब और हरियाणा में वापस आ गई!!!
चलो अब खुशियाँ मनाओ॥
हिन्दुओं की लाशों में सिखों को भी मिला दो...
बहुत उंची बनेगी फ़िर तो कांग्रेस की गद्दी!!!
वैसे भी एक समय में हम दोनों की लाशों पर किसी और ने गद्दी सजायी थी..
हाँ तब विदेशी शासन करते थे॥
अब देशी (ह्म्म्म या फ़िर अब भी विदेशी), शासन करते हैं।
और हम अब भी पिसते हैं!!!!!
मनमोहन तो वैसे भी सिख नहीं है॥ होता तो ८४ के दंगाइयों को सजा ना दिला देता???
तो सुनो भाई सिखों...
भांगडा पाओ... गिध्धा डालो॥
कांग्रेस आयी... जश्न मनाओ॥
सुनो भाई संतों!
सुनो सब सुनो!!!!
जिसने हिंदू माताओं, बहनों, बच्चों और बूढों की पुकार को अनसुना कर दिया....
वोह आज गद्दी पर है॥
और वोह भी ताल ठोंक कर!!!!!
वाह जी वाह!!
खुशियाँ मनाओ..
देश और हिन्दुओं की लाश पर खड़े होकर!!
जाय हिंद भाड़ में॥
मैं आज कुछ बोलना चाहता हूँ॥
चलो मिल कर खूब खुशियाँ मनाएँ॥
आज कांग्रेस की जीत हुयी है॥
और देश की हार॥
कितनी खुशी की बात है!!!
जिसने देश के टुकड़े कराये...
जिसने हजारों पाकिस्तानी सैनिको को छोड़ दिया (बिल्कुल मुफ्त) बिना काश्मीर के टुकड़े को एक कराये... और बिना पुख्ता समझोते के....
जिसने लाखों काश्मिरी पंडितों को अपने ही "देश" में "रिफ्यूजी" बना दिया...
और ख़ुद चादर तान के सोती रही...
चलो मिल कर खूब खुशियाँ मनाएँ॥
आज कांग्रेस की जीत हुयी है॥
और देश की हार॥
कितनी खुशी की बात है!!!
जिसने देश के टुकड़े कराये...
जिसने हजारों पाकिस्तानी सैनिको को छोड़ दिया (बिल्कुल मुफ्त) बिना काश्मीर के टुकड़े को एक कराये... और बिना पुख्ता समझोते के....
जिसने लाखों काश्मिरी पंडितों को अपने ही "देश" में "रिफ्यूजी" बना दिया...
और ख़ुद चादर तान के सोती रही...
वोह आज गद्दी पर है॥
और वोह भी ताल ठोंक कर!!!!!
वाह जी वाह!!
खुशियाँ मनाओ..
देश और हिन्दुओं की लाश पर खड़े होकर!!
जाय हिंद भाड़ में॥
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